नमस्कार दोस्तों, आज के समय में हर कोई अच्छी सैलरी वाली नौकरी पाना चाहता है। कई छात्र पढ़ाई के बाद डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर की नौकरी करना चाहते हैं, जबकि कई छात्र न्याय के क्षेत्र में वकील या जज के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। अधिकांश छात्र जज बनना चाहते हैं, लेकिन वे Judge Banne Ke Liye Kya Kare नहीं जानते? जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है? इस वजह से कई छात्रों का जज बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता हैं।
Judge Kaise Bane |
Judge किसे कहते हैं ?
दोनों पक्षों द्वारा दिए गए सबूतों (साक्ष्यों) और गवाहों को ध्यान में रखते हुए, अदालत में मामलों का फैसला करने और सुनने वाले व्यक्ति को न्यायाधीश (Judge) कहा जाता है। न्यायालय में अनेक प्रकार के मुकदमों की सुनवाई होती है, सिविल मुकदमों की सुनवाई करने वाले व्यक्ति को न्यायाधीश (Judge) कहते हैं।
Judge Banne ke Liye Qualification
उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए।
उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए।
उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 5 साल की एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए या उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से 3 साल का एलएलबी डिग्री कोर्स सर्टिफिकेट होना चाहिए।
आवेदक को कानून की अच्छी समझ और ज्ञान होना चाहिए।
उम्मीदवार ने लगातार दस वर्षों तक सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्य किया हो
जज बनने के लिए उम्र कितनी होनी चाहिए ?
उम्मीदवार की अधिकतम आयु 62 वर्ष होनी चाहिए।
Judge Banne Ke Liye Kya Kare
जज बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है।
उसके बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से एलएलबी डिग्री कोर्स करना होगा। या ग्रेजुएशन पास करने के बाद एलएलबी कोर्स करें।
एलएलबी डिग्री कोर्स करने के बाद जजशिप के लिए आवेदन करना होता है।
राज्य उच्च न्यायालय (High Court) और राज्य लोक सेवा आयोग समय-समय पर जज भर्ती के लिए अधिसूचना (Notification) जारी करते हैं, उस समय आपको आवेदन करना होता है।
आवेदन करने के बाद न्यायिक सेवा परीक्षा देनी होगी , न्यायिक सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है, प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार।
तीनों चरण की परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने होते हैं, क्योंकि मेरिट परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर बनती है। न्यायाधीशों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जाती है।
Judge Banne Ke Liye भर्ती कैसे होती है (Selection Process)
राज्य उच्च न्यायालय और लोक सेवा आयोग न्यायिक सेवा परीक्षा के माध्यम से न्यायाधीशों (Judge) की भर्ती करते हैं। लोक सेवा आयोग न्यायिक सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित करता है, प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
सबसे पहले प्रीलिम्स परीक्षा होती है। यह परीक्षा एक लिखित परीक्षा है। इसमें 100 अंकों के वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद मुख्य परीक्षा होती है। मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार (Interview) के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू में सफल होने वाले उम्मीदवारों की मेरिट बनती है। न्यायाधीशों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर की जाती है।
जज की सैलरी कितनी होती है ?
एक जज का वेतन 45,000 रुपये से लेकर लाखों रुपये प्रति माह तक होता है। एक जज का वेतन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन अलग-अलग होते हैं।
Conclusion:
आपको यह पोस्ट कैसी लगी अगर आपको Judge Banne Ke Liye Kya Kare यह समझने में कोई समस्या है तो हमे कमेंट करके जरूर बताए।
FAQ – Judge Banne Ke Liye Kya Kare
Q. 1 सुप्रीम कोर्ट के जज बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए। ?
Ans – आपको भारत का नागरिक होना चाहिए और आपके पास एलएलबी या एलएलएम की डिग्री होनी चाहिए, आप कम से कम 5 साल के लिए हाई कोर्ट के जज या कम से कम दस वर्ष हाई कोर्ट के एडवोकेट रहे हों।
Q. 2 हाई कोर्ट के जज बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए। ?
Ans – आपको भारत का नागरिक होना चाहिए और आपके पास एलएलबी या एलएलएम डिग्री के लिए योग्यता होनी चाहिए, अपने भारत में न्यायिक कार्यालय में दस वर्ष तक काम किया हो या 10 साल के लिए हाई कोर्ट के एडवोकेट रहें हों।
Q. 3 PCS (J) परीक्षा पास करने के बाद कितने प्रकार की परीक्षाएँ होती हैं ?
Ans – दो प्रकार की परीक्षाएँ लॉअर जुडिशल सर्विस (LJS) और हायर जुडिशल सर्विस (HJS)
Q. 4 क्या जज बनाने के लिए अनिवार्य है ग्रेजुएशन की डिग्री ?
Ans – 12वीं कक्षा पास करने के बाद, जो उम्मीदवार जज बनना चाहते हैं, उन्हें स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री में नामांकन कराना आवश्यक है। उम्मीदवार के पास बीकॉम, बीबीए, बीए, बीसीए या बीटेक जैसे किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
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