क्या आपको क्रिएटिविटी, कल्पना और चित्रकला से प्यार है? क्या आप किसी के विचारों को विजुअली रूप में प्रस्तुत करने का शौक रखते हैं? अगर हाँ, तो आपके लिए ग्राफिक डिज़ाइन क्षेत्र में करियर का जरूर अवसर हो सकता है।
ग्राफिक डिज़ाइनर बनना एक रोमांचक और सत्यापन भरा करियर हो सकता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स का पालन करना होगा।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको यह बताएंगे कि Graphic Designer Kaise Bane और इस क्षेत्र में एक सफल करियर कैसे बना सकते हैं।
ग्राफिक डिज़ाइनर कैसे बनें |
Table of Contents (toc)
Graphic Designer Kaise Bane
ग्राफिक डिज़ाइनर कैसे बनें इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।
ग्राफिक डिज़ाइनर क्या होता है ?
ग्राफिक डिज़ाइनर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो विजुअल कला और क्रिएटिविटी का संगम करके डिज़ाइन बनाने का काम करता है।
वे अपनी कला कौशलता का सहारा लेते हुए प्रिंट, डिजिटल मीडिया, और वेबसाइट्स के लिए विभिन्न प्रकार के ग्राफिक्स तैयार करते हैं। इन्हें रंग, टेक्स्ट, और चित्रों का सही से जोड़ करने की कला में माहिर होना पड़ता है।
ग्राफिक डिज़ाइनर का काम होता है लोगो, ब्रोशर, वेबसाइट्स, विज्ञापन, और अन्य डिज़ाइन सामग्री को आकर्षक और प्रभावशाली बनाना।
वे डिज़ाइन और कला के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी उपयोग करते हैं ताकि वे आधुनिक और इंटरेस्टिंग ग्राफिक्स बना सकें।
इसके अलावा, वे अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं और प्रोडक्ट्स के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि उनके डिज़ाइन में उनकी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
ग्राफिक डिज़ाइनर एक क्रिएटिव और टेक्निकल दृष्टिकोण से विशेषज्ञ होते हैं जो विजुअल कला के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हैं।
ग्राफिक डिज़ाइनर बनने के लिए योग्यता।
ग्राफ़िक डिज़ाइनर बनने के लिए आपको किसी भी स्ट्रीम में बाहरवीं पास करनी होगी।
एक प्रोफेशनल ग्राफ़िक डिज़ाइनर बनने के लिए आपको ग्राफ़िक डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कोर्स करना होगा।
इसके साथ आप ग्राफ़िक डिजाइनिंग के फील्ड में मास्टर डिग्री या पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी कर सकते हैं आपको बता दें की ग्राफ़िक डिजाइनिंग के लिए मास्टर डिग्री या पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री आवश्यक नहीं है यदि आप यह डिग्री कर लेते हैं तो आपको अधिक बेनिफिट्स मिलते है और आपको ग्राफ़िक डिजाइनिंग में अधिक नॉलेज हो जाती है।
ग्राफ़िक डिज़ाइनर बनने के लिए के आपको टेक्निकल स्किल्स का होना भी बहुत जरुरी होता है आपको सॉफ्टवेयर अपडेट करना, वेब डिजाइनिंग की लैंग्वेज जैसे HTML, CSS जो भी जरुरी लैंग्वेज होती है आपको उनका ज्ञान होना चाहिए।
आपको Adobe Photoshop, Illustrator, और InDesign जैसे सॉफ़्टवेयर का ज्ञान और कौशल होना चाहिए।
आपको विभिन्न रूपों की कला की जानकारी होनी चाहिए, जैसे कि रंग, रूप, और संरचना आदि।
आपको अच्छे संवादनशीलता और समझदारी कौशल होना चाहिए, ताकि आप समझ सकें कि ग्राफ़िक क्या संदेश पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
ग्राफिक डिज़ाइन में सफल होने के लिए हमेशा स्वयं सीखने और नए कौशल विकसित करने का जज्बा रखें।
ग्राफिक डिजाइन के प्रकार।
ग्राफिक डिजाइन के प्रकार। |
ग्राफिक डिज़ाइन एक कला और विजुअल कम्युनिकेशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें कई प्रकार के डिज़ाइन तकनीकों का उपयोग करके विचारों और संदेशों को सुंदरता और प्रभाव से प्रस्तुत किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख ग्राफिक डिज़ाइन के प्रकार के बारे में बताया गया हैं:
1.पोस्टर डिज़ाइन।
पोस्टर्स के डिज़ाइन में चित्र, टेक्स्ट, और अन्य ग्राफिक्स का सुंदर और प्रभावशाली संयोजन (Combination) किया जाता है, जिसका उद्देश्य ध्यान आकर्षित करना होता है।
2. लोगो डिज़ाइन।
लोगो डिज़ाइन का उद्देश्य एक कंपनी, ब्रांड, या प्रोडक्ट की पहचान बनाना होता है, और इसमें विशेष चित्र और डिज़ाइन का उपयोग किया जाता है।
3. वेबसाइट डिज़ाइन।
वेबसाइट डिज़ाइन में वेब पेजों, बटन, ग्राफिक्स, और यूजर इंटरफेस का डिज़ाइन किया जाता है ताकि वेबसाइट आकर्षक और यूजर फ्रेंडली हो।
4. पैकेजिंग डिज़ाइन।
इसमें प्रोडक्ट्स के पैकेजिंग का डिज़ाइन किया जाता है, जिससे उनका आकर्षण बढ़ता है और खरीदारों को प्रभावित करता है।
5. विज़ुअल आइडेंटिटी।
यह एक कंपनी या ब्रांड की विज़ुअल पहचान को परिभाषित करता है, जिसमें लोगो, रंग स्कीम, फ़ॉन्ट्स, और अन्य विज़ुअल तत्व (Element) शामिल होते हैं।
6. एनिमेशन डिज़ाइन।
ग्राफ़िक्स को गति देने और एनिमेट करने के लिए डिज़ाइन तकनीक का उपयोग किया जाता है, जैसे कि कार्टून्स और एनिमेटेड वीडियो।
7. इलस्ट्रेशन।
इसमें रंग, चित्रकला, और विचारों को डिज़ाइन करने का काम होता है, जिससे एक कहानी को सुंदरता से प्रस्तुत किया जा सकता है।
8. व्यूआल मीडिया डिज़ाइन।
सोशल मीडिया पोस्ट्स, फ़ोटोग्राफी, और वीडियो डिज़ाइन में कई प्रकार के ग्राफिक्स का उपयोग होता है जो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर शेयर किए जाते हैं।
9. टाइपोग्राफी डिज़ाइन।
यह फ़ॉन्ट्स को विभिन्न तरीकों से व्यवस्थित करने के लिए उपयोग होता है ताकि टेक्स्ट सुंदरता से पढ़ा जा सके।
10. कार्टून और कॉमिक्स।
इसमें चित्रित कहानियों का डिज़ाइन किया जाता है, जैसे कि कॉमिक्स और कार्टून्स, जो मनोरंजन और संदेशों को सुंदरता से प्रस्तुत करते हैं।
ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स कैसे करें ?
ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स करना एक रोमांचक और सीखने का अच्छा तरीका हो सकता है, खासकर अगर आप डिज़ाइन और कला के प्रति रुझान रखते हैं। यहां कुछ स्टेप्स दिए गए हैं जिनको फॉलो करके आप ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स कर सकते हैं:
1. उद्देश्य निर्धारित करें।
सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आप क्यों ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स करना चाहते हैं। क्या आपका उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से सीखना है या अपने करियर को और अधिक मजबूत बनाना है?
2. कोर्स का चयन करें।
अगला कदम है सही कोर्स का चयन करना। आपके लिए सही कोर्स चुनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जैसे कि सिलेबस की गुणवत्ता, शिक्षकों का अनुभव, और प्रैक्टिकल अनुभव।
3. योग्यता की जांच करें।
कुछ कोर्सेस के लिए योग्यता की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि 12वीं पास होना या बेसिक कम्प्यूटर ज्ञान। इसकी जांच करें और यदि आवश्यक हो, तो आवश्यक कदम उठाएं।
एक प्रोफेशनल ग्राफिक डिजाइनर बनने के लिए आपको कम से कम बैचलर डिग्री की आवश्यकता होती है। आप बैचलर, मास्टर, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। बैचलर कोर्स 3 से 4 साल तक चलते हैं।
4. इंटरनेट पर खोज करें।
आपके पास विशेष क्षेत्र के लिए ऑनलाइन कोर्स के ऑप्शन भी हो सकते हैं। इंटरनेट पर खोज करें और अच्छे ऑनलाइन कोर्स की जानकारी प्राप्त करें।
ग्राफ़िक डिजाइनिंग सिखने के लिए आप निचे दी गई वीडियो भी देख सकते हैं।
5. कोर्स की लागत का अध्ययन करें।
यह महत्वपूर्ण है कि आप कोर्स की लागत को समझें और अपने बजट के हिसाब से चयन करें।
6. आवेदन करें।
जब आपके कोर्स चयन हो जाए तो कॉलेज या संस्थान में आवेदन करें। आवेदन प्रक्रिया के लिए समय समय पर आवश्यक दस्तावेजों की तैयारी करें।
7. स्थान का चयन करें।
कोर्स करने के लिए स्थान का चयन करें, चाहे यह एक कॉलेज, स्कूल, या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म हो।
8. प्रैक्टिकल क्षमताओं का विकास करें।
कोर्स के दौरान, आपको प्रैक्टिकल डिजाइनिंग कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा, तो इसका फायदा उठाएं और अपने प्रैक्टिकल क्षमताओं को मजबूत करें।
9. प्रोजेक्ट्स पर काम करें।
आपको कोर्स के दौरान प्रोजेक्ट्स पर काम करने का मौका मिलेगा, जिन्हें आप अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।
10. सीखते रहें और प्रैक्टिस करें।
ग्राफिक डिजाइनिंग एक एक्टिव क्षेत्र है, इसलिए हमेशा सीखते रहें और नए कौशल विकसित करने का प्रयास करें। नियमित अभ्यास करें ताकि आपका डिजाइनिंग कौशल मजबूत हो।
ग्राफिक डिजाइन कोर्स की फीस कितनी होती है ?
ग्राफिक डिजाइन कोर्स की फीस कोर्स की अवधि और संस्थानों पर निर्भर करती है। यह कुछ मुख्य कारकों पर निर्भर करता है जैसे:
1. कोर्स का प्रकार।
फीस कोर्स के प्रकार पर निर्भर करती है, जैसे कि डिप्लोमा, ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट, या सर्टिफिकेट प्रोग्राम सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स अकेले ग्रेजुएट कोर्सेस की तुलना में आमतौर पर सस्ते होते हैं।
2. संस्थान का चयन।
फीस उस संस्थान पर भी निर्भर कर सकती है जहां आप कोर्स करना चाहते हैं। प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट्स और कॉलेज्स अकेले स्मॉलर ट्रेनिंग सेंटर्स की तुलना में अधिक फीस ले सकते हैं।
3. कोर्स की अवधि।
कोर्स की अवधि भी फीस पर प्रभाव डाल सकती है। अधिक अवधि के कोर्सेस आमतौर पर अधिक महंगे होते हैं।
4. स्थान।
आपके स्थान के हिसाब से भी फीस बदल सकती है। बड़े शहरों में फीस अकेले स्मॉलर नगरों की तुलना में अधिक हो सकती है।
5. स्कॉलरशिप और फाइनेंसियल सहायता।
कुछ संस्थान और सरकारी योजनाएँ छात्रों को छूट और स्कॉलरशिप की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, जिससे फीस कम हो सकती है।
आमतौर पर ग्राफ़िक डिजाइनिंग कोर्स की अनुमानित फीस इस प्रकार होती है।
- डिप्लोमा कोर्स की फ़ीस 50 हज़ार रुपए तक हो सकती है।
- बैचलर (BDes) और मास्टर (MDes) कोर्स की फ़ीस 2 से 3 लाख रुपए तक हो सकती है।
- ऑनलाइन कोर्स की फ़ीस 5 से 10 हज़ार रुपए तक हो सकती है।
फीस की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको उस संस्थान की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर या संस्थान के प्रशासनिक दफ्तर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है।
आपको फीस के साथ-साथ फाइनेंसियल सहायता, कोर्स की अवधि, और सिलेबस के विवरण की भी जानकारी प्राप्त होगी।
ग्राफिक डिज़ाइनर की सैलरी कितनी होती है ?
ग्राफिक डिज़ाइनर की सैलरी कई प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि क्षेत्र, अनुभव, और स्थान। यह कुछ मुख्य कारक हो सकते हैं:
1. क्षेत्र।
ग्राफिक डिज़ाइनिंग के विभिन्न क्षेत्रों में सैलरी अलग – अलग हो सकती है, जैसे कि एडवरटाइजिंग, वेब डिज़ाइन, गेम डिज़ाइन, या प्रिंट मीडिया आदि।
2. अनुभव।
आपके पास कितना अनुभव है, यह सैलरी पर प्रभाव डाल सकता है। अधिक अनुभव वाले डिज़ाइनर्स फ्रेशर डिज़ाइनर्स की तुलना में अधिक सैलरी पा सकते हैं।
3. स्थान।
आपके रहने के स्थान के हिसाब से सैलरी बदल सकती है। बड़े शहरों में सैलरी अकेले छोटे नगरों की तुलना में अधिक हो सकती है।
4. कंपनी या संगठन।
सैलरी कंपनी या संगठन के पॉलिसी, स्थिति, और आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर कर सकती है। बड़ी कंपनियों और में ग्राफिक डिज़ाइनर की सैलरी छोटे संगठनों की तुलना में अधिक होती है।
5. शिक्षा और प्रशिक्षण।
आपकी शिक्षा और प्रशिक्षण की ग्रेड भी सैलरी को प्रभावित कर सकती है।
आमतौर पर ग्राफ़िक डिज़ाइनर की अनुमानित सैलरी इस प्रकार होती है।
- सर्टिफिकेट कोर्स के बाद 23 से 50 हज़ार रुपए प्रति महीने की सैलरी मिल सकती है।
- डिप्लोमा कोर्स के बाद 35 से 63 हज़ार रुपए प्रति महीने की सैलरी मिल सकती है।
- बैचलर (BDes) कोर्स के बाद 43 से 80 हज़ार रुपए प्रति महीने की सैलरी मिल सकती है।
- मास्टर (MDes) कोर्स के बाद 55 से 1 लाख रुपए प्रति महीने की सैलरी मिल सकती है।
आमतौर पर, एक ग्राफिक डिज़ाइनर की सैलरी सालाना 2 लाख से 10 लाख रुपये के बीच हो सकती है, लेकिन इसमें विशेष गणना के साथ-साथ ऊपर दिए गए फैक्टर्स का भी प्रभाव होता है।
इसलिए, आपको अपने क्षेत्र, कौशल, और अनुभव के हिसाब से सैलरी की जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने स्थानीय बाजार के साथ-साथ नौकरी के लिए आवेदन करने की सलाह दी जाती है।
ग्राफिक डिजाइनिंग में कौन – कौनसे कोर्स होते हैं ?
कोर्स | शार्ट विवरण |
बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीफए) | इसमें ग्राफिक डिज़ाइनिंग के मूल अस्तित्व को समझाने के लिए कई विषयों में पढ़ाई की जाती है, जिसमें डिज़ाइन प्रिंसिपल्स, टाइपोग्राफी, और ग्राफिक टूल्स शामिल होते हैं। |
मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए) | यह पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स होता है जिसमें ग्राफिक डिज़ाइनिंग के विशेष बिंदुओं पर अधिक गहरा अध्ययन किया जाता है और उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त करने का मौका मिलता है। |
ग्राफिक डिज़ाइनिंग सर्टिफिकेट कोर्स | ये किसी विशिष्ट ग्राफिक डिज़ाइनिंग टॉपिक पर केंद्रित होते हैं और कुछ हफ्तों या महीनों के लिए हो सकते हैं। |
वेब डिज़ाइनिंग कोर्स | इसमें वेब पेज डिज़ाइन, ग्राफिक्स, और उपयोगर्ता इंटरफेस डिज़ाइनिंग के तरीकों का अध्ययन होता है जो आपको वेबसाइट्स और आप्लिकेशन्स के लिए डिज़ाइन करने की कौशल सिखाता है। |
गेम डिज़ाइनिंग कोर्स | यह कोर्स वीडियो गेम्स के डिज़ाइन और विकसन के बारे में सिखाता है, जिसमें कैरियर के रूप में गेम डिज़ाइनिंग करने के तरीके शामिल होते हैं। |
एनिमेशन कोर्स | इसमें एनिमेशन के लिए कैसे डिज़ाइन बनाएं जाते हैं और वीडियो, कार्टून्स, और एनिमेटेड कंटेंट कैसे बनाया जाता है, यह सिखाया जाता है। |
डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर कोर्स | यह कोर्स ग्राफिक डिज़ाइनिंग के लिए सॉफ़्टवेयर्स का उपयोग कैसे करना है, जैसे कि Adobe Photoshop, Illustrator, और InDesign, के बारे में शिक्षा प्रदान करता है। |
डिज़ाइन स्कूल/इंस्टिट्यूट के अन्य कोर्स | इंस्टिट्यूट्स और स्कूल अकेले कुछ विशेष कोर्सेस भी प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि डिज़ाइन के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित कोर्सेस। |